जीप इस साल भारतीय बाजार में कंपास ट्रेलहॉक, मेरिडियन और ग्रैंड चेरोकी को पेश करने के लिए तैयार है
जीप इंडिया ने 2021 में अपनी बिक्री में 130 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है और कंपनी ने भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग को लेकर अपना दृष्टिकोण सकारात्मक बनाए रखा है। कंपनी को उम्मीद है कि 2022 में भी कंपनी की कारों की बिक्री प्रभावशाली होगी। जीप इंडिया इस गति को बनाए रखना चाहती है और 2022 में देश में तीन नए उत्पादों को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
जीप ने पिछले साल कंपास फेसलिफ्ट और स्थानीय रूप से असेंबल की गई रैंगलर को लॉन्च किया था और भारतीय बाजार में दोनों एसयूवी को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कंपनी ने भारत में जहाँ 2020 में 5,282 यूनिट की बिक्री की थी, वहीं 2021 में यह आंकड़ा 12,136 यूनिट का था। जीप जून 2017 से रंजनगांव फैसिलिटी में कम्पास एसयूवी का उत्पादन कर रही है, जबकि रैंगलर की स्थानीय असेंबलिंग मार्च 2021 के मध्य में शुरू हुई थी।
1. नई जीप कंपास ट्रेलहॉक
खबर है कि जीप इंडिया नई कंपास ट्रेलहॉक को फरवरी 2022 में लॉन्च करेगी। इस एसयूवी को भारत में कई बार टेस्टिंग के दौरान देखा गया है और इसे कुछ डिज़ाइन परिवर्तन भी मिलेंगे। नई कंपास ट्रेलहॉक में नई एलईडी हेडलैंप और डिपार्चर एंगल के साथ नया फ्रंट और रियर बंपर होगा। यह एसयूवी 4×4 और ट्रेलहॉक बैजिंग के साथ डायमंड-कट अलॉय व्हील्स से लैस होगी इसमें बॉडी डिकल्स, ब्लैक्ड-आउट पिलर और रेड विंडो बेल्टलाइन मिलेगी। एसयूवी को डुअल-टोन कलर मिलेगा हालाँकि ट्रेलहॉक का केबिन रेग्यूलर मॉडल जैसा ही होगा।
2. जीप मेरिडियन
अमेरिकी एसयूवी निर्माता जीप 2022 के मध्य में कम्पास एसयूवी के 7-सीटर वर्जन को भी लॉन्च करेगी, जिसे मेरिडियन नाम दिए जाने की संभावना है। इस एसयूवी को ब्राजील में कमांडर का नाम दिया गया है और यह भारत में टोयोटा फॉर्च्यूनर और स्कोडा कोडियाक जैसी कारों के मुकाबले होगी, जिसका उत्पादन रंजनगांव प्लांट में अप्रैल 2022 से शुरू हो सकता है।
3. ग्रैंड चेरोकी
रैंगलर के साथ ग्रैंड चेरोकी भारत में जीप के शुरुआती उत्पादों में से एक था। अब कंपनी बाजार में इसकी नए सिरे से वापसी करना चाहती है। कुछ वैश्विक बाजारों में यह एसयूवी 7 सीटर और 5-सीटर सीटिंग लेआउट में उपलब्ध है, लेकिन भारत में इसे केवल 5-सीटर में पेश किया जा सकता है। इसके स्थानीय रूप से असेंबल होने की उम्मीद है, जबकि इसे पहले सीबीयू यूनिट के रूप में देश में लाया गया था।