परिवहन मंत्री नितिन गडकरी टोयोटा मिराई से पहुँचे संसद, 650 किमी की देती है रेंज

toyota mirai-2

टोयोटा मिराई हाइड्रोजन आधारित एडवांस्ड फ्यूल सेल से चलने वाली कार है और यह ईंधन भारत की सड़कों और परिस्थितियों के लिए कितना अनुकूल है, इस बात के अध्ययन के लिए इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत उतारा गया है

वैकल्पिक उर्जा से चलने वाले वाहनों को भविष्य का वाहन माना जा रहा है और डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमत व प्रदूषण के स्तर को देखा जाए तो यह भारत की आवश्य़कता भी है। सुखद बात यह है कि भारत सरकार इसे लेकर काफी गंभीर भी है। इसी कड़ी में आज केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और नौवहन मंत्री नितिन गड़करी हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली कार से संसद पहुंचे और भारत में वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों के विकास को प्रोत्साहन देने वाली अपनी योजना पर प्रतिबद्धता जताई है।

केंद्रीय मंत्री जिस ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार से संसद पहुंचे, वह मूलतः टोयोटा मिराई है, जिसे टोयोटा ने विकसित किया है और इसे भारत में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पेश किया है। वास्तव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कई बार वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों की वकालत की है और अब उन्होंने कहा है कि ईंधन का भविष्य हाइड्रोजन है।

गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए हमने ग्रीन हाइड्रोजन को पेश किया है जो पानी से पैदा होता है। इस कार को पायलट प्रोजेक्ट के तहत पेश किया गया है, जिससे मिली प्रतिक्रिया के आधार पर देश में ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण शुरू होगा और आयात पर अंकुश लगेगा, जिससे रोजगार के नए मौके भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 3000 करोड़ रुपये का मिशन शुरू किया है और जल्द ही हम हाइड्रोजन का निर्यात करने वाले देश बन जाएंगे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में जहाँ भी कोयले का इस्तेमाल होगा, वहाँ ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा। उनका मानना है कि ग्रीन ईंधन से वाहनों के संचालन की लागत कम हो जाएगी और इससे देश में बढ़ रहे प्रदूषण लेवल को भी कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात को लेकर भी आश्वस्त किया है कि अगले दो सालों में इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार, ऑटोरिक्शा की कीमत पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर, कार, ऑटोरिक्शा के समान होंगी।

वहीं दूसरी ओर टोयोटा मिराई कार की बात करें को इसे इस महीने की शुरुआत में ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत लॉन्च किया गया है। यह कार मूलतः हाइड्रोजन आधारित एडवांस्ड फ्यूल सेल से चलती है और इसके लिए फरीदबाद में फ्यूल स्टेशन बनाया गया है। इस कार में सिर्फ पांच मिनट में ईंधन भरा जा सकता है।कंपनी का कहना है कि यह कार एक बार फुल टैंक ईंधन भरने पर 646 किमी तक की दूरी तय कर सकती है। वास्तव में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी ने इस बात के अध्ययन के लिए इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की है कि आखिर टोयोटा मिराई भारत की सड़कों और यहाँ की जलवायु परिस्थितियों के लिए कितनी उपयुक्त है।

बता दें कि ग्रीन हाइड्रोजन पारंपरिक ईंधन का एक विकल्प है जिसे किसी भी वाहन पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे कोई प्रदूषण नहीं होता है और चलने वाली कार में गैस को एक हाई-प्रेशर टैंक में स्टोर किया जाता है। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच प्रतिक्रिया से बिजली पैदा होती है। यह ईंधन मध्यम से लंबी दूरी की यात्रा के लिए काफी भरोसेमंद माना जाता है।