टेस्ला इलेक्ट्रिक कार के लॉन्च से पहले भारत में नज़र आया नज़र सुपरचार्जर

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टेस्ला वर्तमान में भारत में मॉडल 3 और मॉडल वाई का परीक्षण कर रही है, और मॉडल 3 के अगले साल लॉन्च होने की उम्मीद है

भारतीय बाजार में टेस्ला की एंट्री ऑटोमोटिव उद्योग में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है और इस प्रतिष्ठित ब्रांड ने इस साल की शुरुआत में टेस्ला इंडिया मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के रूप में आधिकारिक तौर पर देश में अपनी स्थानीय यूनिट को बेंगलुरू में रजिस्टर कराया है। यह कवायद ब्रांड के देश में आने की योजना की गंभीरता को दर्शाता है।

इस अमेरिकी ईवी ब्रांड ने भारत में संभवतः चार नए मॉडलों को पेश करने की योजना बनाई है, जिन्हें कई मौकों पर देश में देखा गया है और अब टेस्ला सुपरचार्जर यूनिट को भारत में देखा गया है, जिसकी तस्वीरें टेस्ला क्लब इंडिया द्वारा ट्विटर पर साझा की गई हैं, जो कि कारों को चार्ज करने में मदद करेगा। हालाँकि भारत में कौन से मॉडल लॉन्च होंगे इसके आधिकारिक नाम अभी तक सामने नहीं आए हैं, लेकिन रजिस्टर किए किए मॉडलों में मॉडल 3 और मॉडल वाई हैं, जिन्हें देश में पहले ही टेस्टिंग के दौरान देखा गया था। इसके अलावा अन्य दो मॉडलों में मॉडल एस और मॉडल एक्स हो सकते हैं। हालाँकि नामों की अंतिम पुष्टि होना अभी बाकी है।

फिलहाल टेस्ला भारत में अपनी CCS2 सुपरचार्जर यूनिट को लेकर आया है, जो अपने इंस्टालेशन का इंतजार कर रही हैं। तस्वीरें V2 150kW सुपरचार्जर प्रतीत होते हैं, जो देश में टेस्ला कारों को चार्ज करने में मदद करेंगे। हालाँकि भारतीय कार बाजार में टेस्ला के लिए पैर जमाना आसान नहीं होगा, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों का अभी भी देश की वार्षिक कार बिक्री का केवल 1 प्रतिशत हिस्सा है। इस धीमे बाजार का मुख्य कारण कम चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर है, जिस पर अभी केंद्र व राज्य सरकारें कार्य कर रही हैं और देश में चार्जिंग स्टेशनों पर जोर दे रही हैं।

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इसके अलावा भारत का टैक्स सिस्टम एक और स्पीड ब्रेकर है, जो कि भारत में प्रीमियम कार ब्रांडों को अपने ईवी लॉन्च करने से फिलहाल हतोत्साहित कर रहा है। इस साल की शुरुआत में टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने ट्वीट किया था कि भारत में आयात शुल्क दुनिया में सबसे ज्यादा है और यहाँ की सरकार डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की तरह ही जीरो इमीशन वाले वाहनों को मानती है, जबकि डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहन ही प्रदूषण के कारक हैं और इलेक्ट्रिक कारें प्रदूषण नहीं फैलाती हैं।

टेस्ला ने भारत में अपनी आने वाली इलेक्ट्रिक कारों के लिए भारत में केंद्र सरकार से अतिरिक्त सब्सिडी की मांग की है और कंपनी शुरूआत में देश में पूरी तरह से निर्मित यूनिट (सीबीयू) के रूप में पेश किया जाएगा और यहाँ मिली प्रतिक्रिया के बाद आगे की रणनिती तय की जाएगी और कंपनी असेंबल यूनिट स्थापित कर सकती है।

हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया है कि भारत में लॉन्च होने पर टेस्ला कार की कीमत 35 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) होगी। हालांकि यह आधिकारिक घोषणा नहीं थी, लेकिन ऐसा लगता है कि भारत सरकार ने इस मुद्दे पर अमेरिकी ईवी निर्माता के साथ कुछ चर्चा की है, जो कि भविष्य के लिए अच्छे संकेत देती हैं।