स्कोडा भविष्य़ में संभवतः अपनी कोडियाक को डीजल इंजन के साथ पेश कर सकती है, जो टीएसआई यूनिट द्वारा संचालित होगी
स्कोडा ऑटो इंडिया (Skoda Auto India) संभवत: घरेलू बाजार में जल्द ही अनुमोदित उपयोग की गई कार योजना शुरू करेगी। यह चेक रिपब्लिक ऑटोमेकर हाल के वर्षों में स्थानीय स्तर पर रणनीतिक निवेश कर रहा है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती भारत 2.0 योजना के तहत अगले साल से भारी स्थानीयकृत उत्पादों के आगमन के साथ है।
कंपनी ने एक अरब यूरो से अधिक के निवेश के साथ आने वाले वर्षों में अपनी बाजार हिस्सेदारी का विस्तार करने के लिए फॉक्सवैगन ग्रुप के हिस्से के रूप में कार्यभार संभाला है। हाल ही में, स्कोडा ने कारोक प्रीमियम एसयूवी को पेश किया है और रैपिड सेडान की रेंज को राइडर प्लस वेरिएंट की शुरुआत के के साथ विस्तारित किया है।
रैपिड में एक नया 1.0 लीटर टीएसआई इंजन जोड़ा गया है, जो एक नए 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ है। भारत में 1 अप्रैल, 2020 से बीएस6 नार्म्स लागू होने के बाद कई निर्माताओं ने डीजल इंजन को बाजार से बाहर कर दिया है, और स्कोडा अलग नहीं थी।
हालांकि, प्रीमियम स्पेस में, डीजल इंजन की मांग निश्चित रूप से मौजूद है क्योंकि हुंडई क्रेटा और किआ सेल्टोस ने यह बात साबित की है। स्कोडा निकट भविष्य में कोडियाक को बीएस6 डीजल इंजन के साथ लॉन्च करने की संभावनाओं की तलाश में है। खबर के मुताबिक बड़ी कारों के लिए नई डीजल मोटरों का भी परीक्षण किया जा रहा है। 2020 ऑटो एक्सपो में, स्कोडा ने विज़न इन कॉन्सेप्ट के वैश्विक अनावरण के साथ अपनी उपस्थिति महसूस की। यह मध्यम आकार की एसयूवी 95 प्रतिशत से ज्यादा स्थानीय सामग्री के साथ होगी।
यह पांच सीटर एसयूवी MQB A0 IN आर्किटेक्चर पर विकसित की जाएगी और यह फॉक्सवैगन तैगुन को भी जन्म देगी, जो कि इसके एक्स-प्रोडक्शन फॉर्म में ऑटो एक्सपो में भी प्रदर्शित की गई थी। दोनों एसयूवी VW समूह के लिए वॉल्यूम बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और इसकी प्रतिस्पर्धी कीमत होने की उम्मीद है।
कार में मैनुअल और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन विकल्पों के साथ पेट्रोल इंजन (1.0L और 1.5L TSI इकाइयाँ) का इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि रैपिड और वेंटो सेडान को भारत में 2.0 स्थानीय रणनीति के तहत भारी स्थानीय सामग्री के साथ बदला जाएगा। हमें कंपनी की अन्य डेवलपमेंट के लिए थोड़ा और समय तक इंजतार करना होगा।