
भारत में रेनो डस्टर के नए जेनरेशन को निकट भविष्य में पेश किया जा सकता है और इसका डिजाइन बिगस्टर से प्रभावित होगा
रेनो के लिए डस्टर ब्रांड ने मजबूत प्रभाव डाला था और वास्तव में इस कार ने भारत में मिड साइज एसयूवी सेगमेंट में शुरुआती बेंचमार्क स्थापित किए थे। यह मोनोकॉक कार भारत में मामूली अपडेट प्राप्त करने के बावजूद भी वर्षों तक बिक रही थी। हालाँकि बाजार में नए प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले यह टिक नहीं पाई है और कंपनी ने पिछले साल इसका उत्पादन बंद कर दिया।
हालाँकि संभावनाएं यहीं खत्म नहीं होती हैं, क्योंकि भारत में एक नई डस्टर के आने की सबसे ज्यादा संभावना है। अब यह कोई रहस्य नहीं है कि नई जेनरेशन डस्टर अपने विकास के अधीन है और यह एक नए प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी। इसे भारत में 2023-24 में पेश किए जानें की संभावना है और इसे अब B0 प्लेटफॉर्म की बजाय CMF-B आर्किटेक्चर पर विकसित किया जाएगा।
बता दें कि नई रेनो को सीएमएफ-बी एलएस लोअर स्पेक वर्जन द्वारा रेखांकित किया गया है, जो मॉड्यूलर होने के साथ-साथ किफायती विकासशील बाजारों के लिए अनुकूल है। इस तरह यह नई मोनोकॉक एसयूवी ज्यादा माइलेज और डीजल इंजन की भरपाई के लिए हाइब्रिड तकनीक से लैस हो सकती है, जो इसे किफायती बनाने में मदद कर सकता है।
जहाँ तक डिजाइन की बात है तो यह बिगस्टर से प्रभावित होगी और इसके एसयूवी कैरेक्टर को बनाए रखने के लिए स्टाइल में ज्यादा माडर्न एलिमेंट देखने को मिलेंगे। इसमें व्हील आर्च, स्क्वायर-ऑफ फेंडर और मस्कुलर बॉडीवर्क देखने को मिलेगा। इन दिनों मिड साइज एसयूवी सेगमेंट में हाइब्रिड पावरट्रेन और 4WD तकनीक का ट्रेंड देखा जा रहा है।
ऐसे में क्या रेनो भी इस मार्ग का अनुसरण करेगी, फिलहाल यह अभी तक अज्ञात है। अगर यह फ्रांसीसी निर्माता सीएमएफ-बी एलएस प्लेटफॉर्म के साथ आगे बढ़ता है, तो इसका वैश्विक सहय़ोगी निसान भी इसके बेस पर उत्पादों को लाने के साथ आगे बढ़ सकता है और बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं को प्राप्त किया जा सकता है।
इस प्रकार निकट भविष्य में उनके संबंधित वाहन लाइनअप के विस्तार के लिए प्लेटफॉर्म का लाभ उठाया जा सकता है। रेनो के पास वर्तमान में काइगर कॉम्पैक्ट एसयूवी है, जो भारत में इस वक्त ब्रांड के लिए सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बनकर उभरी है। वहीं निसान की भी सबसे ज्यादा बिकने वाली कार मैग्नाइट है। काइगर और मैग्नाइट एक ही प्लेटफार्म पर आधारित हैं।