रेनो और निसान अगले अगले कुछ सालों में 5,300 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे, जिसका इस्तेमाल भारत में नए वाहनों, तकनीक और प्लेटफार्म के लिए किया जाएगा
रेनो और निसान अपने जॉइंट वेंचर के तहत 5,300 करोड़ रुपए के निवेश की योजना बना रहे हैं, जिसका इस्तेमाल ईवी सहित नई तकनीकों, प्लेटफार्मों और वाहनों को लाने के लिए किया जाएगा। इसके तहत कंपनियां उत्पादन में वृद्धि, अनुसंधान और वाहनों को विकसित किया जाएगा, जिसकी पूष्टि हाल ही में की गई है।
कंपनी ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए छह नए वाहनों को पेश करने की योजना बनाई है और इनमें दो इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल हैं। इस निवेश के तहत चेन्नई में रेनो निसान टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस सेंटर में 2,000 तक अतिरिक्त नई नौकरियां सृजित होंगी। आगामी उत्पाद लाइनअप में प्रत्येक ब्रांड के लिए तीन-तीन नए मॉडल शामिल हैं।
भविष्य में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ओरगडम प्लांट को निर्यात केंद्र के रूप में आगे बढ़ाने के लिए निवेश का बहुत महत्व होगा। भविष्य के वाहनों को एक ही संयंत्र से इंजीनियर और उत्पादन किया जाएगा और वे बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं को प्राप्त करने के लिए एक दूसरे के बीच प्लेटफार्मों और यांत्रिक बिट्स सहित बहुत कुछ साझा करेंगे।
रेनो और निसान द्वारा भारत में चार नए सी-सेगमेंट एसयूवी पेश करने की पुष्टि की गई है, साथ ही दो नए ए-सेगमेंट ईवी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अपनी वैश्विक विशेषज्ञता का लाभ उठा रहे हैं। हालाँकि दोनों कंपनियों ने अभी ज्यादा विवरण साझा नहीं किया है, लेकिन नई जेनरेशन की रेनो डस्टर के साल 2025 तक आने की उम्मीद है, जो डेसिया बिगस्टर कॉन्सेप्ट पर आधारित है।
इसे भारी स्थानीयकृत सीएमएफ-बी प्लेटफॉर्म पर विकसित किया जाएगा, जो कि एक नए निसान मॉडल को भी जन्म देगा। समान आर्टिटेक्चर पर आधारित एक नई 7-सीटर एसयूवी भी विकास के अधीन प्रतीत होती है। पिछले साल के अंत में निसान ने भारत में तीन एसयूवी की तिकड़ी का प्रदर्शन किया भी किया था।