राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के प्रवेश पर 3 दिसंबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है
दिल्ली सरकार ने बुधवार को घोषणा की है कि राष्ट्रीय राजधानी में 27 नवंबर से केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रवेश करने की अनुमति होगी। यह घोषणा दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने की है। उन्होंने दिल्ली के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए प्रतिबंधों की समीक्षा बैठक में कहा कि यह रोक 3 दिसंबर को अगले आदेश तक जारी रहेगी। गोपाल राय ने कहा कि केवल आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को छोड़कर 27 नवंबर से दिल्ली में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रवेश करने की अनुमति होगी।
उन्होंने कहा कि अन्य ईंधन से चलने वाले वाहनों के प्रवेश पर तीन दिसंबर तक प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है। सरकार ने कहा है कि हमने हाल ही में निजी सीएनजी बसों को किराए पर लिया है और सरकारी आवासीय कॉलोनियों जैसे गुलाबी बाग और निमरी कॉलोनी से कर्मचारियों को लाने के लिए उनका इस्तेमाल करने का फैसला किया है। सरकार अपने कर्मचारियों के लिए दिल्ली सचिवालय से आईटीओ और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशनों के लिए शटल बस सेवा भी शुरू करेगी।
सरकार ने आगे कहा कि पिछले तीन दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और शहर का एक्यूआई दिवाली के पहले के दिनों जैसा है। बता दें कि इसके पहले 13 नवंबर को सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था और अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा था।इसके अलावा 17 नवंबर को सरकार ने दिल्ली में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के अलावा प्रतिबंधों की संख्या को और भी बढ़ा दिया था। हालांकि बाद में वायु गुणवत्ता में सुधार और श्रमिकों को होने वाली असुविधा को देखते हुए निर्माण और गतिविधियों पर प्रतिबंध सोमवार को हटा लिया गया था।
बता दें कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने 10 साल पुराने वाहनों के लिए राहत की भी घोषणा की है। सरकार का कहना है कि दिल्ली में 10 साल पुराने वाहन चल सकेंगे, लेकिन अब इन वाहनों की इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटिंग की जा सकती है और इन्हें डीजल से इलेक्ट्रिक इंजन में बदला जा सकता है। सरकार मान्यता प्राप्त परीक्षण एजेंसियों द्वारा प्योर इलेक्ट्रिक किट के निर्माताओं को सूचीबद्ध करने का कार्य करेगी।
सरकार का कहना है कि एक बार पैनल में शामिल हो जाने के बाद ये वाहन 10 साल से अधिक समय तक चलने में सक्षम हो जाएंगे, जबकि इसके पहले 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 10 साल या उससे अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल या उससे अधिक पुराने पेट्रोल वाहन दिल्ली एनसीआर में नहीं चलेंगे।