एमजी भारत में 10 लाख रूपए की कीमत में लाएगी इलेक्ट्रिक हैचबैक

MG cs urban concept

एमजी मोटर इंडिया भारतीय बाजार में एक इलेक्ट्रिक हैचबैक और दो नई इलेक्ट्रिक एसयूवी को लॉन्च करने की योजना बना रही है

एमजी मोटर इंडिया भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बन रही संभावनाओं को देखते हुए काफी गंभीर है और कंपनी इस सेगमेंट में कुछ और नई कारों को पेश करने की योजना बना रही है। हाल ही में सामने आई एक खबर की मानें तो कंपनी निजी इक्विटी में $500 मिलियन तक जुटाने पर काम कर रही है, जिसका इस्तेमाल वह नए इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ अपने घरेलू पोर्टफोलियो का विस्तार करना चाहती है।

शंघाई ऑटोमोटिव इंडस्ट्रीयल कॉर्पोरेशन (SAIC) के स्वामित्व वाले इस ब्रांड ने जनवरी 2020 में भारत में अपनी पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी जेडएस ईवी को लॉन्च किया था, जो वर्तमान में टाटा नेक्सन ईवी के बाद देश में दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार है। हाल ही में कंपनी ने इसके अपडेट वर्जन को भी बढ़ी हुई रेंज (461 किमी) के साथ लॉन्च किया है।

एमजी ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर निवेश करेगी और अगले वित्त वर्ष में 10-15 लाख रूपए की रेंज में एसयूवी पेश करेगी, जिसका मुकाबला टाटा नेक्सन ईवी से होगा। इसके अलावा हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार एमजी एक छोटी हैचबैक सहित पर्यावरण के अनुकूल कई वाहनों की एक पूरी श्रृंखला को पेश करने की योजना बना रही है, जिसकी शुरुआती कीमत 10 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से कम हो सकती है।इसके अलावा कंपनी की पाइपलाइन में एक कॉम्पैक्ट एसयूवी और एक प्रीमियम डी-सेगमेंट इलेक्ट्रिक एसयूवी भी शामिल हैं। एमजी अपनी इलेक्ट्रिक हैचबैक को संभवतः Q1 2023 में भारत में लॉन्च करेगी, जो E230 की तरह ब्रांड के ग्लोबल स्मॉल इलेक्ट्रिक व्हीकल (GSEV) प्लेटफॉर्म पर रेखांकित हो सकती है।

एमजी की इस इलेक्ट्रिक कार में 20 kWh की क्षमता वाला बैटरी पैक है, जो इलेक्ट्रिक मोटर के साथ मिलकर कार्य करता है और इसकी अनुमानित रेंज लगभग 200 किमी की है। यहाँ ध्यान दिया जाना चाहिए कि मारुति सुजुकी ने अपनी वैगनआर ईवी परियोजना को खत्म कर दिया है, क्योंकि कंपनी के मुताबिक कीमत, व्यावहारिकता और रेंज के मामले में यह मजबूत व्यावसायिक पेशकश नहीं हो सकती है।वहीं एमजी की सी और डी सेगमेंट वाले इलेक्ट्रिक वाहन संभवतः सिग्मा आर्किटेक्चर पर आधारित होंगे। कंपनी उत्पादन लागत को कम करने के लिए खुद बैटरी सेल को स्थानीयकृत करने की भी योजना बना रही है और भारत सरकार द्वारा तैयार की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए पहले ही आवेदन कर चुकी है। इस तरह आने वाले दिनों में एमजी के इस प्रोजेक्ट को लेकर और भी जानकारी सामने आने की उम्मीद है।