इस मारुति डिजायर को देखें, जिसे कस्टम-निर्मित इलेक्ट्रिक पावरट्रेन की मदद से इलेक्ट्रिक कार में परिवर्तित किया गया है
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग धीरे-धीरे इलेक्ट्रिफिकेशन की ओर बढ़ रहा है और कई निर्माता इस सेगमेंट में आने की तैयारी कर रहे हैं। हालाँकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के कुछ ऑफ्टरमार्केट विकल्पों को भी चुना जा सकता है, जिनकी कीमतें अपेक्षाकृत ज्यादा हैं, लेकिन यह शानदार हैं। हालांकि यह मॉडिफिकेशन बड़े पैमाने पर नहीं है और सरकार के कई नियम इसे रोकने का भी कार्य करते हैं।
हालांकि हाल ही में हमें एक मारूति सुजुकी डिजायर (Maruti Suzuki Dzire) सेडान नजर आई है, जिसे मॉडिफाई करके इलेक्ट्रिक कार का रूप दिया गया है। इस विशेष मॉडल मारुति डिजायर को Northern Motorsports द्वारा इलेक्ट्रिक कार में परिवर्तित किया गया है, जिसके इलेक्ट्रिक पावरट्रेन को लगभग पूरी तरह से घर में विकसित किया गया है।
वर्कशॉप के मुताबिक वे इसी तरह दूसरी कारों को भी DIY इलेक्ट्रिक कार में परिवर्तित करने का इरादा रखते हैं। कस्टम डिजायर ईवी में एक 15 किलोवाट की इलेक्ट्रिक मोटर मिलती है, जो कि 35 किलोवाट की पावर प्रदान कर सकती है। यह मोटर 170 एनएम का अधिकतम टॉर्क देती है, जो पहियों पर 842 एनएम का अनुवाद करता है।
इसमें रिवर्स गियर और हल्के फ्लाईव्हील के साथ 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन का इस्तेमाल किया गया है। गियरबॉक्स पहले गियर में ज्यादा टॉर्क निकालने में मदद करता है, जबकि टॉप गियर में एक अच्छी ड्राइविंग रेंज देता है। वर्कशॉप का दावा है कि इस कार की ड्राइविंग रेंज एक बार चार्ज होने के बाद 250 किमी है।
यहाँ बैटरी 13 kWh, 15 kWh, और 18 kWh के साथ तीन विकल्प में उपलब्ध है और पावरट्रेन को IP67 धूल और पानी सुरक्षा भी मिलती है। इसके अलावा कार के साथ 160 किमी प्रति घंटा स्पीड होने का दावा किया गया है, जिसमें 34 प्रतिशत की स्थिरता होती है। यहाँ दिलचस्प बात यह भी है कि कार में लगाई गई ईवी किट विशेष रूप से भारी नहीं है।
कार मे रेग्यूलर रूप से लगे इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, पावर स्टीयरिंग, एबीएस, एयरबैग्स सहित सभी मूल उपकरण सामान्य रूप से कार्य करते रहते हैं, जबकि बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स या एसी सिस्टम को जब ठंडा करने की आवश्यकता होती है, तो एसी सिस्टम स्वतंत्र रूप में डीसी मोटर का इस्तेमाल करती है और रेडिएटर का फैन चलता है।
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत सरकार अधिकांश वाहनों के अपग्रेड को गैरकानूनी मानती है, लेकिन ICE-संचालित कारों को EV में बदलना गैरकानूनी नहीं है। सरकार के यह नियम कई कंपनियों को इलेक्ट्रिक पावरट्रेन के साथ मौजूदा वाहनों को ईवी में बदलने की अनुमति देता है। इस तरह उत्सर्जन मानदंडों के ज्यादा कठोर होने के साथ यह शायद ऑटो उद्योग के लिए आगे बढ़ने का एक शानदार तरीका है।