
मारुति सुजुकी ने इस त्योहारी सीजन में कुल 3.25 लाख वाहनों की बिक्री के साथ लगभग 4.50 लाख बुकिंग हासिल की हैं
इस साल त्योहारी सीजन में देश के पैसेंजर कार बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली। कार कंपनियों ने इस दौरान अपनी बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की। इसकी सबसे बड़ी वजह कम जीएसटी दरें और आसान फाइनेंस स्कीमें, जिनकी वजह से ज़्यादा लोग कार खरीदने के लिए आगे आए और बाजार में एक अच्छा माहौल बना।
नवरात्रि से दिवाली तक की अवधि में बिक्री में तेज़ी से वृद्धि हुई और शुरुआती अनुमानों के अनुसार, साल-दर-साल 15 से 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ख़ास तौर पर एसयूवी और इलेक्ट्रिक वाहनों की माँग ज़्यादा रही। निर्माताओं की बात करें तो मारुति सुज़ुकी सबसे आगे रही, जिसने कुल 3.25 लाख वाहन बेचे और लगभग 4.50 लाख बुकिंग हासिल कीं।
धनतेरस अपने आप में एक रिकॉर्ड बनाने वाला दिन साबित हुआ, जहाँ 51,000 से ज़्यादा गाड़ियों के नए मालिक मिले। टाटा मोटर्स ने भी अभूतपूर्व प्रदर्शन किया और एक लाख से ज़्यादा गाड़ियों की बिक्री की, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत की वृद्धि है। इस वृद्धि में एसयूवी का बड़ा योगदान रहा, जहाँ नेक्सन की बिक्री 38,000 यूनिट से ज़्यादा की रही।

इस तरह इसकी बिक्री में 73 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं पंच की बिक्री लगभग 32,000 यूनिट की रही, जो साल-दर-साल 29 प्रतिशत की वृद्धि है। ब्रांड के इलेक्ट्रिक वाहन पोर्टफोलियो ने 10,000 से अधिक डिलीवरी में योगदान दिया, जो मुख्यधारा के बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है। इस विशेष अवधि के दौरान हुंडई मोटर इंडिया की बिक्री में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, और औसत प्रति दिन डिलीवरी लगभग 2,500 यूनिट रही।
यह ध्यान देने योग्य है कि पूछताछ में लगभग 10 प्रतिशत और बुकिंग में लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई। भले ही ये आंकड़े काफी अच्छे लग रहे हैं, लेकिन इस बढ़ोतरी का कुछ हिस्सा असली मांग बढ़ने के बजाय पहले से आई बुकिंग और एडवांस ऑर्डर के कारण भी हो सकता है। अभी फाइनल आंकड़ों की पुष्टि बाकी है, और छोटे कार ब्रांड्स की बिक्री अभी इन रिपोर्ट्स में पूरी तरह शामिल नहीं हुई है।
फिर भी, 2025 का त्योहारी सीजन वाहन कंपनियों के लिए बिक्री बढ़ाने वाला साबित हुआ है और आने वाले वित्त वर्ष के लिए एक सकारात्मक दिशा तय कर गया है। यह बात इस ओर इशारा करती है कि भारत जैसे बाज़ार में, जहाँ त्योहारों और मौसम के अनुसार खरीदारी का रुझान बदलता रहता है, वहां वाहन कंपनियों के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि वे समय रहते पर्याप्त स्टॉक तैयार रखें, आकर्षक ऑफ़र लाएँ, ताकि वे बढ़ती मांग का पूरा फायदा उठा सकें।