महिंद्रा बोलेरो को 11 लाख रूपए में मॉडिफाई कर निसान जोंगा में किया तब्दील

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यहाँ मॉडिफाई किए गए महिंद्रा बोलेरो को देखा जा सकता है, जिसे 4 महने के अथक प्रयासों के साथ निसान जोंगा में बदल दिया गया है

अपनी अनूठी, शानदार प्रोफ़ाइल और ऐतिहासिक महत्व वाली निसान जोंगा किसी भी कार संग्रह के लिए एकदम उपयुक्त है। इस ऑफ-रोडर का निर्माण कई दशक पहले भारतीय सेना के लिए किया गया था और इसनें 1999 तक अपनी सेवा दी थी। थोड़े समय के लिए जोंगा को आम जनता के लिए भी उपलब्ध किया गया था, लेकिन इसकी कम बिक्री के कारण निजी खरीददारों के लिए इसे बंद कर दिया गया था। वर्तमान समय में जोंगा की फिर से मांग देखी जा रही है और कई लोगों ने अपनी पुरानी जोंगा का नवीनीकरण किया है। कई कार उत्साहियों और संग्राहकों को इसे बेचा भी गया है।

इसके अलावा एक अन्य विकल्प के रूप में मौजूदा किसी कार को जोंगा में बदलना भी है, जिसका कार्य हाल ही में पंजाब की Man Modifiers ने किया है। इस कस्टम शॉप ने एक महिंद्रा बोलेरो को जोंगा में बदला है। इस मॉडिफिकेशन प्रोजेक्ट को इतनी सफाई के साथ किया गया है कि किसी को भी यह बताना मुश्किल है कि इसका डोनर वाहन बोलेरो है, क्योंकि यह सटीक मूल जोंगा की प्रतिकृति प्रतीत होती है। इसके कुछ सिग्नेचर फीचर्स में जोंगा लोगो, मेश और स्लैट्स के साथ स्क्वायर ग्रिल, गोल हेडलैंप, डुअल हुक और एक शक्तिशाली विंच शामिल हैं।

मॉडिफाई वाहन में एक नुकीला, त्रिकोणीय आकार का बोनट और आयताकार फ्लैट विंडस्क्रीन है। सामने का बड़ा फैला हुआ बम्पर इसके रास्ते में आने वाली किसी भी प्रकार की बाधाओं को दूर करने में सक्षम लगता है। एक तरह से यह वास्तव में नए पैदल यात्री सुरक्षा मानदंडों के संदर्भ में आक्रामक लगता है और इसके ऑफ-रोड टायर इसके टफ कैरेक्टर को और बढ़ाते हैं।

प्रोफाइल पर कस्टम निर्मित जोंगा में बड़े फेंडर, बड़े रियर-व्यू मिरर, पूरी तरह कार्यात्मक रूफ रैक और रनिंग बोर्ड है, जबकि रियर में कार्गो बेड को एक संलग्न स्टोरेज स्पेस में बदल दिया गया है। टॉप पर अतिरिक्त टायर के साथ एक और रैक है। इसमें स्टैंडर्ड बोलेरो की तुलना में ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस भी देखा जा सकता है, जो बड़े व्हील और सस्पेंशन सिस्टम में कुछ बदलाव के कारण संभव हो सका है।

इसकी सबसे अच्छी बात यह भी है कि यह एक स्टैंडअलोन प्रोजेक्ट नहीं है। इस तरह जो भी जोंगा की चाह रखता है, वह इसे मॉडिफाई करके बनवा सकता है। इस मॉडिफिकेशन की कीमत करीब 11 लाख रुपए बताई जा रही है, जो एकदम उचित लगता है, क्योंकि वाहन को पूरी तरह से बदल दिया गया है और इसमें 4 महीने का समय लगा है।इस जोंगा को पावर देने के लिए 1.5-लीटर, mHawk डीजल इंजन मिलता है, जो कि 3,600 आरपीएम पर 75 एचपी की पावर और 1,600-2,200 आरपीएम पर 210 न्यूटन मीटर का टॉर्क विकसित करता है। इस इंजन को 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन से जोड़ा गया है। इसके विपरीत मूल जोंगा में 3956 सीसी इन-लाइन, 6-सिलेंडर पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल किया गया था।, जो कि 110 एचपी की पावर विकसित करता था और इसे 3-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ जोड़ा गया था।

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि जोंगा मूलतः जबलपुर आयुध और गन कैरिज असेंबली के लिए ड्यूटी पर रहा है और इसका निर्माण जबलपुर वाहन फैक्ट्री द्वारा किया गया था। 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद ऐसे वाहनों का अधिग्रहण देश के लिए महत्वपूर्ण हो गया था। इसलिए निसान ने 1965 में जोंगा के निर्माण के लिए एक विशेष लाइसेंस प्रदान किया था। वर्तमान समय में अधिकांश जोंगा को महिंद्रा MM540 जीप से बदल दिया गया है।