जनवरी 2023 से किआ कारों के खरीददारों को लगेगा झटका, 50,000 रुपये तक बढ़ेंगी कीमतें

kia seltos facelift-7

किआ इंडिया नए साल से अपनी कारों की कीमतों में मॉ़डल के आधार पर 50,000 रुपये तक की वृद्धि करेगी, जिसमें सेल्टोस, सोनेट और कैरेंस जैसे लोकप्रिय मॉडल शामिल होंगे

किआ इंडिया ने साल 2019 में सेल्टोस के साथ भारत में अपनी शुरुआत की थी और वर्तमान में यह देश में टॉप 5 कार निर्माताओं में से एक है। इस दक्षिण कोरियाई कंपनी ने नियमित अंतराल पर सोनेट, कार्निवल, कैरेंस और EV6 जैसे नए उत्पादों को पेश किया है और ये भारतीय खरीददारों के बीच अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई है।

अब किआ इंडिया ने अपनी कारों की कीमतों में वृद्धि करने की घोषणा की है और कहा है कि वह जनवरी 2023 से अपनी कारों की कीमतों में 50,000 रूपए तक की वृद्धि करेगी। जिसका कारण इनपुट लागतों में वृद्धि होने को बताया है। किआ की यह बढ़ी हुई कीमतें ब्रांड की सभी कारों पर लागू होंगी, जिनमें मुख्य रूप से सेल्टोस, सोनेट और कैरेंस आदि शामिल है।

बता दें कि हाल के सालों में किए गए परीक्षणों से पता चला है कि कारों में काफी मात्रा में उत्सर्जन हो रहा है, जो कि उत्सर्जन मानदंडों को अनिवार्य करने के उद्देश्य को विफल करता है और इसने फिर से पर्यावरणीय चिंताओं को बढ़ा दिया है। इसलिए इसके समाधान के रूप में दुनिया भर के कई देशों में वास्तविक ड्राइविंग उत्सर्जन (आरडीई) मानकों को अपना रहे हैं।

kia sonet X-Line-4

भारत में आरडीई मानदंड 01 अप्रैल 2023 से लागू होंगे और इसके साथ यह सुनिश्चित करना होगा कि नई कारों में सेल्फ-डायग्नोस्टिक डिवाइस लगे हैं। यह आरडीई मानदंडों के तहत अनिवार्य रूप से सभी उत्सर्जन मानकों की निगरानी करेगा। उदाहरण के लिए एक नया डिवाइस ऑक्सीजन सेंसर, कैटेलिटिक कन्वर्टर और सल्फर, CO2, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर जैसे उत्सर्जन की निगरानी करेगा।

इसके तहत थ्रॉटल, क्रैंकशाफ्ट स्टेट, एयर प्रेशर, इंजन तापमान जैसे अन्य पहलुओं पर भी नजर रखी जाएगी। यह स्पष्ट है कि आरडीई अनुपालन के लिए नए उपकरण और सॉफ्टवेयर सिस्टम को बनाने की आवश्यकता होगी। ऐसे उपकरणों के लिए कई उन्नत सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तरह जैसे-जैसे उत्पादन लागत बढ़ेगी, कार निर्माताओं के पास कीमतें बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

kia carens_-23

डीजल कारों के मामले में आरडीई का अनुपालन अपेक्षाकृत अधिक कठिन और महंगा है। यह संभव है कि डीजल वेरिएंट की कीमतों में पेट्रोल मॉडलों की तुलना में ज्यादा वृद्धि हो सकती है। आज कई देश उच्च मुद्रास्फीति से जूझ रहे हैं, जिससे वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। मारुति और टाटा मोटर्स पहले ही इस बारे में बात कर चुके हैं और किआ के मामले में भी यही स्थिति रहने की संभावना है।

दुनिया भर में मुद्रास्फीति पूरी तरह से कम होने में कुछ समय लगेगा। 2022 की तरह ही 2023 में भी कीमतों में कई बार बढ़ोतरी की घोषणा की जा सकती है। ऐसे में यह देखा जाना बाकी है कि कीमतों में बढ़ोतरी का असर एक बार फिर से किआ की कारों पर किस तरह का असर डालेगा। हमें इस बात के लिए कुछ दिनों तक और इंतजार करना होगा कि किआ के किस मॉडल की कीमत कितनी फीसदी बढ़ेगी।