हुंडई भारत के लिए 1000 करोड़ निवेश के साथ सस्ती इलेक्ट्रिक कार पर कर रही है काम

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हुंडई के अनुसार भारतीय बाजार में कंपनी के भविष्य के विकास में इलेक्ट्रिफिकेशन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी

दुनियाभर का ऑटोमोबाइल उद्योग लगातार इलेक्ट्रिफिकेशन की ओर बढ़ रहा है और इससे भारत अछूता नहीं है। भारत सरकार साल 2030 भारत की सड़कों से डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को खत्म करके इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसके साथ तमाम ऑटोमोबाइल कंपनियां कदमताल कर रही हैं, जहाँ दक्षिण कोरियाई कार निर्माता कंपनी हुंडई (Hyundai) ने भी भविष्य के लिए अपनी योजनाओं का खुलासा किया है।

हुंडई ने अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के भविष्य को लेकर बात करते हुए कहा है कि कंपनी अगले चार सालों में भारतीय बाजार में 3,200 करोड़ से अधिक का निवेश करेगी। यह पूंजी भारत में निर्माता के लाइनअप का विस्तार करने में मदद करेगी, जिसमें नए इलेक्ट्रिक व्हीकल भी शामिल हैं। इस पूरे निवेश में से कंपनी 1,000 करोड़ रूपए केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खर्च करेगी।

कंपनी ने कहा है कि यह वाहन किफायती इलेक्ट्रिक वाहन होंगे और इन्हें स्थानीय स्तर पर विकसित किया जाएगा। कंपनी सोर्सिंग घटकों के लिए पहले से ही स्थानीय विक्रेताओं के साथ बातचीत कर रही है, जबकि हुंडई भी सहयोगी ब्रांड किआ मोटर्स के साथ  साझेदारी की तलाश कर सकती है, जो कि कंपनी को बाद में भारत में अपने पोर्टफोलियो में ईवी को जोड़ने में मदद करेगी।

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बता दें कि वर्तमान में हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) के घरेलू लाइनअप में केवल एक इलेक्ट्रिक वाहन हुंडई कोना (Kona EV) है, जिसकी कीमत 23.75 लाख रूपए से लेकर 23.94 लाख (एक्स-शोरूम, नई दिल्ली) रूपए तक है। इसलिए ज्यादा कीमतों के कारण यह कार खरीददारों की पहुँच से अभी बहुत दूर है, लेकिन सस्ती ईवी की पेशकश के साथ न केवल निर्माता को अपने पोर्टफोलियो में विस्तार करने में मदद मिलेगी, बल्कि नए खरीददार भी कंपनी की ओर आकर्षित होंगे।

अपनी योजना पर बात करते हुए हुंडई मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक SS Kim ने कहा कि हमें उन समाधानों की पेशकश करनी चाहिए जो सस्ती और उचित हों। हम इस पहलू पर विभिन्न अध्ययनों पर काम कर रहे हैं क्योंकि हमें लगता है कि भविष्य में इलेक्ट्रिफिकेशन हमारे परिचालन का मुख्य आधार होगा।

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बता दें कि पिछले साल टाटा नेक्सन ईवी (Tata Nexon EV) भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार थी, जिसकी कीमतें 13.99 लाख रूपए से लेकर 16.40 लाख (एक्स-शोरूम, नई दिल्ली) है। इसकी ज्यादा बिक्री की वजह हुंडई कोना ईवी के मुकाबले कीमतें कम होना है, जिससे यह भी स्पष्ट है कि भारतीय खरीददार अभी भी सस्ते वाहनों को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं।

इस तरह हुंडई सस्ती पेशकश के साथ इलेक्ट्रिक कार बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी प्राप्त कर सकती है। उम्मीद है कि आगामी हुंडई इलेक्ट्रिक वाहन एक मिनी एसयूवी होगी और भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की प्रोत्साहन राशि दे रही है। कुछ राज्य सरकारें इन पर कम जीएसटी, और रोड टैक्स के साथ-साथ रजिस्ट्रेशन फीस में भी छूट दे रही हैं, जो कि स्थानीय निर्माताओं को सस्ती इलेक्ट्रिक कारें पेश करने की अनुमति देगी।