भारत में हुंडई सैंट्रो हैचबैक की बिक्री हुई बंद, कम माँग बनी कारण

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हुंडई सैंट्रो को भारत में पहली बार साल 1998 में लॉन्च किया गया था, लेकिन 2014 में इसे बंद कर दिया गया था, इसके बाद 2018 में इसकी नए अवतार में वापसी हुई थी

हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने कथित तौर पर भारत में अपनी एंट्री-लेवल हैचबैक सैंट्रो को बंद कर दिया है। यह खबर उन अटकलों के बाद आई है जब ग्रैंड आई10 निओस और औरा के डीजल वेरिएंट को उनके संबंधित लाइनअप से हटा दिया गया है। इसके साथ ही यह भी खबर थी कि सैंट्रो के पेट्रोल वेरिएंट को बंद कर दिया गया है, जबकि सीएनजी वेरिएंट की बिक्री को जारी रखा जाएगा।

भारत में हुंडई सैंट्रो को टॉलबॉय ट्रेंड शुरू करने का श्रेय दिया जा सकता है और कंपनी ने 1998 में भारत में अपनी स्थापना के बाद से हुंडई की सफलता की आधारशिला रखी थी। इसके पहले कंपनी ने पुरानी सैंट्रो के उत्पादन को 2014 के अंत में बंद कर दिया था। हालाँकि इसके नए अवतार की शुरूआत अक्टूबर 2018 में की गई थी।

भारत में हुंडई सैंट्रो को पावर देने के लिए 1.1-लीटर, इनलाइन, 4-सिलेंडर पेट्रोल इंजन दिया गया था, जो कि 68 बीएचपी की अधिकतम पावर और 99 न्यूटन मीटर का टॉर्क विकसित करता था, जबकि सीएनजी वर्जन 59 बीएचपी की पावर और 85 एनएम का टॉर्क उत्पन्न करता था। गैसोलीन यूनिट को 5-स्पीड मैनुअल व एएमटी के साथ जोड़ा गया था, जबकि सीएनजी वेरिएंट को केवल 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ पेश किया गया था।

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इस तरह हुंडई सैंट्रो ने भारत में अपनी यात्रा के 20 साल पूरे किए हैं, लेकिन इन दिनों यह काफी कम बिक्री के दौर से गुजर रही है। इस कार के बंद होने की एक और बड़ी वजह कारों की कीमतों में लगातार वृद्धि होना भी है। इन दिनों ईंधन की कीमतों और बीमा दरों में लगातार वृद्धि के साथ खरीदार एंट्री-लेवल हैचबैक के बजाय अधिक कॉम्पैक्ट कारों को तरजीह दे रहे हैं।

हुंडई सैंट्रो की कीमतों में भी पिछले साढ़े तीन सालों में 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसकी कीमत 4.89 लाख रूपए से लेकर 6.41 लाख (एक्स-शोरूम) रूपए है। पिछले छह महीनों में सैंट्रो की औसत प्रति माह बिक्री 2,000 यूनिट से कम रही है और पिछले सप्ताह तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में उत्पादन लाइनों से अंतिम यूनिट को रोल आउट किया गया था।

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वित्त वर्ष 2021-22 में दूसरी पीढ़ी की सैंट्रो की बिक्री 23,700 यूनिट की थी, जबकि 2018 के अंत में वापसी के बाद अब तक इसकी कुल मिलाकर लगभग 1.46 लाख यूनिट की बिक्री की दर्ज की गई है। फिलहाल रिपोर्ट में इसके बाजार में पुनः वापसी की कोई बात नहीं कही गई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि हुंडई आगे के लिए क्या रणनीति अपनाती है।