हुंडई और किआ ने भारत में अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो के विस्तार की योजना बनाई है, जिसके तहत देश में कुछ सीएनजी कारों को भी लॉन्च किया जा सकता है
भारत में इन दिनों डीजल-पेट्रोल की कीमतें आसमान को छू रही हैं और कार खरीददार इनसे निजात पाने के लिए सीएनजी कारों की ओर रूख कर रहे हैं। भारत में कारोबार कर रही कार निर्माता कंपनियां भी खरीददारों की इस नई जरूरत को बखूबी समझ रही हैं और हाल ही में टाटा मोटर्स और मारूति सुजुकी जैसे निर्माताओं ने देश में कुछ नई सीएनजी कारें लॉन्च की हैं।
प्रतीत हो रहा है कि अब कोरियाई कार निर्माता हुंडई और किआ भी लोगों की इस जरूरत को समझ रही हैं और देश में सीएनजी कारों को लॉन्च करने की योजना पर कार्य कर रही हैं। दरअसल हाल ही में किआ सोनेट और कैरेंस के टॉप-स्पेक टर्बो-पेट्रोल वेरिएंट को सीएनजी किट के साथ देखा गया है। इसलिए इन संभावनाओं को बल मिल रहा है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि हाल ही में किआ कैरेंस को सीएनजी किट, साइड में सीएनजी-फिलर कैप और टर्बो-पेट्रोल रजिस्ट्रेशन के साथ देखा गया था। वहीं सोनेट की बात करें तो इसे विंडस्क्रीन पर सीएनजी स्टिकर और फ्यूल फिलर कैप के बगल में फिलर कैप के साथ देखा गया था। ये दोनों ही मॉडल संबंधित कारों के टॉप वेरिएंट थे।इस तरह अनुमान लगाया जा सकता है कि किआ और हुंडई भारत के लिए पहली बार टर्बो-पेट्रोल-सीएनजी कारों का विकसित कर रही है। टर्बो-सीएनजी के संयोजन वाली कारें ज्यादा माइलेज के साथ-साथ पर्याप्त प्रदर्शन से अधिक सुनिश्चित करती हैं। हालाँकि हुंडई पहले से ही भारत में ग्रैंड आई10 निओस, औरा और सैंट्रो के सीएनजी वर्जन को बेचती है, लेकिन ये केवल रेग्यूलर पेट्रोल इंजन के साथ पेश की जाती हैं।
किआ सॉनेट और हुंडई वेन्यू अपने 120 पीएस पावर वाला 1-लीटर, टर्बो-पेट्रोल इंजन एक-दूसरे से साझा करते हैं, जबकि कैरेंस, क्रेटा और सेल्टोस 140 पीएस वाले 1.4-लीटर टर्बो-पेट्रोल यूनिट को साझा करते हैं। इस तरह सीएनजी से चलने पर पावर और टॉर्क रेसियो में करीब 10-20 फीसदी कम हो जाएंगे। इस इंजन को मैन्युअल, ऑटोमेटिक और क्लचलेस मैनुअल iMT विकल्पों के साथ चुना जा सकता है, लेकिन सीएनजी वेरिएंट को केवल मैन्युअल ट्रांसमिशन के साथ पेश किए जाने की संभावना है।सामने आई तस्वीरों में ध्यान देने योग्य यह भी है कि दोनों मॉडल टॉप-स्पेक वेरिएंट हैं, जबकि पहले सीएनजी वर्जन को बेस या मिड स्पेक वाले ट्रिम्स के साथ ही पेश किया जाता रहा है। ऐसे में टॉप-एंड वेरिएंट के साथ क्लीनर फ्यूल विकल्प की पेशकश उन खरीदारों को आकर्षित करेगी, जो कम ईंधन खर्च के साथ सभी सुविधाओं को चाहते हैं। चूंकि वेन्यू भी सोनेट की तरह समान प्लेटफार्म पर आधारित हैं। इसलिए हुंडई भी इसके लिए इस तरह की रणनीति अपना सकती है।
यहां तक कि टाटा मोटर्स द्वारा भी अल्ट्रोज़ और नेक्सन के लिए टर्बो-सीएनजी विकल्प विकसित करने की उम्मीद है। यह भारतीय कार निर्माता भी ऑटोमैटिक गियरबॉक्स (AMT) के साथ सीएनजी वेरिएंट पेश कर सकती है, जो भारत में पहली बार संभव हो सकता है। इसके अलावा टाटा भारत में अपनी माइक्रो एसयूवी पंच के भी सीएनजी वर्जन को पेश कर सकती है, जबकि मारूति सुजुकी भी ब्रेजा के नए जेनरेशन के साथ सीएनजी पावरट्रेन की पेशकश कर सकती है।