भारत में हिंदुस्तान एंबेसडर अगले दो सालों में नए अवतार में करेगी वापसी

DC2 Customised ambassador1

हिंदुस्तान मोटर्स और प्यूज़ो अगली पीढ़ी के एंबेसडर पर एक साथ काम कर रहे हैं, जिसके 2024 में लॉन्च होने की उम्मीद है

भारत में एंबेसडर कार एक लोकप्रिय नेमप्लेट रही है और कई मौकों पर भारतीय बाजार में इसकी वापसी की अटकलें लगाई गई है। हाल ही में सामने आई एक नई रिपोर्ट की मानें तो एंबेसडर अगले दो सालों के अंदर भारतीय बाजार में अपनी वापसी करेगी और नए अवतार के साथ कार में बड़े पैमाने पर संशोधन किया जाएगा।

रिपोर्ट का कहना है कि हिंद मोटर फाइनेंशियल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एचएमएफसीआई) और प्यूज़ो ब्रांड के बीच संयुक्त उद्यम वर्तमान में प्रिय एंबेसडर के डिजाइन पहलुओं और पावरट्रेन पर काम कर रहा है। एंबेसडर के नए अवतार का निर्माण चेन्नई में हिंदुस्तान मोटर्स की उत्पादन सुविधा में किया जाएगा।

बता दें कि ग्रुप पीएसए ने जनवरी 2017 में सीके बिड़ला समूह के साथ दो संयुक्त उपक्रमों पर हस्ताक्षर किए थे, जिनकी कीमत शुरुआत में 100 मिलियन यूरो से अधिक थी। एक महीने बाद एंबेसडर नेमप्लेट को 80 करोड़ रुपये में हिंदुस्तान मोटर्स से खरीदा गया था, जो कि सीके बिड़ला ग्रूप के स्वामित्व में है।

पिछली खबरों की मानें तो ग्रूप पीएसए द्वारा भारतीय बाजार में विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों की रिटेल बिक्री के लिए एंबेसडर नाम का इस्तेमाल किया जाएगा। हिंदुस्तान मोटर्स के निदेशक उत्तम बोस ने एक इंटरव्यू के हवाले से कहा है कि नए पावरट्रेन के डिजाइन और मैकेनिकल कार्य के साथ नए अवतार वाली एंबेसडर को विकासित करना शुरू कर दिया गया है, जो एक उन्नत चरण में पहुंच गया है।

हिंदुस्तान मोटर्स की चेन्नई फैक्ट्री में पहले मित्सुबिशी वाहनों को उतारा गया था, जबकि पश्चिम बंगाल में उत्तरपारा यूनिट ने विशेष रूप से एंबेसडर का उत्पादन किया था। इस प्रसिद्ध मॉडल को मॉरिस ऑक्सफोर्ड सीरीज III से लिया गया था और इसे घरेलू बाजार में अभूतपूर्व सफलता मिली थी। यह मल्टीपरपज मॉडल दशकों से अपनी विशाल प्रकृति और मजबूत निर्माण के साथ एक वर्कहॉर्स रहा है।

एंबेसडर अपने पूरे जीवन चक्र में प्रीमियम सुविधाओं और शानदार सवारी गुणवत्ता के साथ भारत में कारों का एक प्रतीक रहा है। एंबेसडर का उत्पादन 1956 में शुरू हुआ था और यह 2014 तक जारी रहा था। अंतिम पीढ़ी ने ग्रैंड, एविगो और एनकोर का आगमन देखा है, हालाँकि कम माँग के कारण फ्रंट-व्हील ड्राइव कार का उत्पादन समाप्त हो गया था।

बता दें कि हिंदुस्तान मोटर्स भारत की सबसे पुरानी कार निर्माता रही है और गुजरात में स्वतंत्रता के बाद से ही 1948 में इसकी स्थापना हो गई थी। बाद में इसके संचालन को पश्चिम बंगाल में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहाँ एंबेसडर असेंबली लाइन से बाहर आई और यह तीस से अधिक वर्षों से देश की सबसे अच्छी विक्रेता रही है। हम निकट भविष्य में नई एंबेसडर के बारे में और अधिक जानने की उम्मीद करते हैं।