फोर्ड इंडिया ने चेन्नई प्लांट में निर्यात के लिए फिर से शुरू किया इकोस्पोर्ट का उत्पादन

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फोर्ड इंडिया के भारत में दो वाहन निर्माण संयंत्र हैं, जिसमें पहला चेन्नई और दूसरा साणंद है, कंपनी ने हाल ही में भारत के लिए अपने वाहनों के उत्पादन को बंद करने घोषणा की है

फोर्ड इंडिया ने हाल ही में भारतीय बाजार से निकलने का फैसला लिया था और ब्रांड ने तत्काल प्रभाव से भारतीय बाजार के लिए अपने वाहनों के उत्पादन को बंद कर दिया है। इस तरह भारत में अब फोर्ड के प्रमुख मॉडल एंडेवर, इकोस्पोर्ट, फिगो और एस्पायर का न तो उत्पादन हो रहा है और न ही अब ये वाहन बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।

हालांकि फोर्ड निर्यात बाजारों के लिए अपने चेन्नई प्लांट में अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी इकोस्पोर्ट का उत्पादन फिर से शुरू कर दिया है। इस यूएस ऑटो प्रमुख ने एक न्यूज एजेंसी के हवाले से कहा है कि वह विदेशी बाजारों में लगभग 30,000 यूनिट कारों के निर्यात के लिए प्रतिबद्ध है, जिसे साल 2021 के अंत तक पूरा करना है।

इस बीच फोर्ड इंडिया के कर्मचारी संघ ने फोर्ड मोटर कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए कहा है। इस बैठक के एजेंडे में भारत में ओईएम के चार संयंत्रों में से तीन को बंद करने के बाद श्रमिकों के मुआवजे को शामिल करने की संभावना है। ध्यान रहे कंपनी ने पिछले 9 सितंबर को भारत में वाहनों के असेंबलिंग कार्यों को भी बंद करने की घोषणा की थी।Ford Ecosport SE-2इसके अलावा ऑटोमेकर इस साल की चौथी तिमाही तक साणंद में व्हीकल असेंबलिंग को भी बंद कर देगी, लेकिन इंजन निर्माण संयंत्र चालू रहेगा और कंपनी इस प्लांट में एशिया-प्रशांत, मध्य पूर्व और अफ्रीकी बाजारों में बेचे जाने वाले रेंजर मॉडलों के लिए पावरट्रेन का उत्पादन जारी रखेगा। दूसरी ओर चेन्नई में वाहन और इंजन निर्माण दोनों को 2022 की दूसरी तिमाही तक बंद कर दिया जाएगा।

वास्तव में कंपनी इकोस्पोर्ट का उत्पादन चेन्नई में करती है, जबकि फिगो और एस्पायर मॉडल का उत्पादन साणंद में किया जाता है। कंपनी भारतीय बाजार के अलावा चेन्नई प्लांट में निर्यात बाजारों के लिए इकोस्पोर्ट का उत्पादन करती है। चेन्नई संयंत्र ने हाल ही में एंडेवर एसयूवी का उत्पादन बंद कर दिया है। फोर्ड इंडिया के देश में निर्माण कार्यों को छोड़ने का निर्णय लेना भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के लिए भी झटका माना जा रहा है।ford-ecosport-e1579451929671भारत में फोर्ड के पहले शेवरले, यूएम मोटरसाइकिल और हार्ले-डेविडसन आदि भी अपने ऑपरेशन को बंद करने की घोषणा कर चुके हैं। फोर्ड के इस फैसले से भारत के करीब 5,300 कर्मचारियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। चेन्नई प्लांट में लगभग 2,700 स्थायी कर्मचारी और लगभग 600 रेग्यूलर कर्मचारी हैं। साणंद में श्रमिकों की संख्या करीब 2,000 है, जिसमें 500 से भी ज्यादा स्थायी कर्मचारी हैं।