अप्रैल से जून की अवधि में घटी डीजल कारों की मांग

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अप्रैल से लेकर जून 2020 के बीच में छोटी कार और सेडान सेगमेंट में डीजल कारों की बिक्री घटकर 1.8 फीसदी रह गई है

भारत में 1 अप्रैल, 2020 से बीएस6 नार्म्स लागू होने के बाद विभिन्न कंपनियों को अपने कई मॉडलों को बंद करना पड़ा। इसके अलावा इन मॉडलों को बंद करने का एक और सबसे बड़ा कारण सख्त क्रैश टेस्ट मानदंडो का भी लागू होना रहा। इसके अलावा डीजल कारों की मांग इसलिए भी प्रभावित हुई, क्योंकि डीजल मॉडल की बिक्री नहीं हो रही थी और दूसरा कंपनियों को डीजल इंजन को बीएस6 में अपग्रेड करने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता थी।

ज्यादातार कंपनियों का मानना है कि एंट्री-लेवल की छोटी कार सेगमेंट में डीजल इंजन अब व्यहारिक नहीं रह गए हैं, इसलिए देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारूति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने पहले पूरी तरह से डीजल पावरप्लांट के प्रोडक्शन को बंद करने की घोषणा कर दी थी। इसलिए बाजार में कॉम्पैक्ट कार और सेडान स्पेस में डीजल कारों की मांग में भारी गिरावट देखी गई।

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में छोटी कार और सेडान सेगमेंट में डीजल कारों की मांग घटकर केवल 1.8 प्रतिशत रह गई है। इसके अलावा डीजल कारों की कीमत भी काफी बढ़ गई थी। इसलिए भी इनकी मांग में काफी गिरावट देखी गई है। दरअसल डीजल कारों की कीमत पेट्रोल कारों की तुलना में 1 लाख तक ज्यादा महंगी हैं। इसलिए ज्यादातर खरीददारों ने सस्ते विकल्प को प्राथमिकता दी है।

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दूसरी ओर डीजल कारों की मांग कम होने का सीधा असर सीएनजी कारों की बिक्री में देखा गया है। इस दौरान सीएनजी कारों की मांग में करीब 14 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। ऐसा माना जा रहा था कि एसयूवी और क्रॉसओवर खरीदने के इच्छुक लोग डीजल वेरिएंट को पसंद करेंगे, लेकिन यह बात अब वास्तविक नहीं लगती है।

अप्रैल से जुलाई 2020 की अवधि में डीजल एसयूवी सेगमेंट की भी हिस्सेदारी घटकर केवल 42 प्रतिशत ही रह गई है, जबकि इस दशक की शुरूआत में एसयूवी और पैसेंजर यूवी सीरीज में डीजल वेरिएंट की हिस्सेदारी में 98 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी, जबकि साल 2012-13 में रेग्यूलर कार स्पेस में डीजल बाजार की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत तक थी।

इस तरह हम कह सकते हैं कि आने वाले दिनों में डीजल कारों की मांग में और कमी आएगी। भविष्य में उद्योग प्रदूषण मानकों को कम करने के लिए विद्युतीकरण की ओर बढ़ेगा। कम कीमत और अधिक माइलेज के कारण CNG को डीजल का एक तत्काल विकल्प माना जा सकता है। ईवी अवसंरचना को मजबूत करने के उपायों का परिचय निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि हम एक स्वच्छ भविष्य की ओर चल रहे हैं।