बजाज चेतक का नया वेरिएंट 123 किमी की रेंज के साथ हुआ लॉन्च, कीमत 96,000 रुपये

2024 bajaj chetak

बजाज चेतक का नया एंट्री-लेवल वेरिएंट ओला S1 एयर और एथर 450S जैसे अन्य बजट-अनुकूल इलेक्ट्रिक स्कूटरों को टक्कर देगा

बजाज ने चेतक का एक नया किफायती संस्करण लॉन्च किया है, जिसे चेतक 2901 नाम दिया गया है। इसकी कीमत 95,998 रुपये (एक्स-शोरूम, बेंगलुरु) है। यह इलेक्ट्रिक स्कूटर लाल, सफेद, काला, लाइम येलो और नीले रंग के साथ 5 रंगो में उपलब्ध है। यह पूरे भारत में 500 से अधिक शोरूम में उपलब्ध होगा।

चेतक 2901 को पेट्रोल स्कूटर के बराबर ऑन-रोड कीमत पर खरीदा जा सकता है और यह 123 किलोमीटर से अधिक की ARAI प्रमाणित रेंज के साथ आता है। इसकी बिक्री 15 जून से शुरू होगी। चेतक 2901 सवार के आराम और सुविधा को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई सुविधाओं की एक श्रृंखला प्रदान करता है।

इसमें रंगीन डिजिटल कंसोल, अलॉय व्हील्स और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी शामिल हैं। अतिरिक्त अपग्रेड चाहने वालों के लिए, TecPac पैकेज उपलब्ध है। TecPac हिल होल्ड, रिवर्स, स्पोर्ट और इकोनॉमी मोड, कॉल और म्यूजिक कंट्रोल, फॉलो मी होम लाइट्स और उन्नत ब्लूटूथ ऐप कनेक्टिविटी जैसी उन्नत सुविधाएँ प्रदान करता है।

बजाज ऑटो लिमिटेड के प्रेसिडेंट, प्रेसिडेंट, अर्बनाइट, श्री एरिक वास ने साझा किया, “हमें चेतक डीलरशिप के लिए चेतक 2901 की शिपमेंट शुरू करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। चेतक 2901 को उन ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए डिजाइन, निर्दिष्ट और कीमत दी गई है जो वर्तमान में एक उचित पूर्ण आकार के मेटल बॉडी इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए पेट्रोल स्कूटर खरीद रहे हैं, जो उनके बटुए को नुकसान पहुंचाए बिना एक पेट्रोल स्कूटर से मेल खा सकता है।

यह नया चेतक 2901 वैरिएंट मौजूदा 2 बजाज चेतक वेरिएंट चेतक अर्बन और चेतक प्रीमियम के साथ शामिल हो गया है। ये 2.9 kWh और 3.2 kWh बैटरी पैक से लैस हैं जबकि रेंज क्रमशः 113 किमी और 126 किमी है। दोनों स्कूटर की टॉप स्पीड 73 किमी प्रति घंटा है। चेतक अर्बन वेरिएंट 1.23 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध है। चेतक प्रीमियम की कीमत 1.47 लाख रुपये से शुरू होती है।

चेतक का किफायती संस्करण लॉन्च करने की बजाज की रणनीति उद्योग में उभरते रुझानों के अनुरूप है। ओला इलेक्ट्रिक और एथर जैसे कई इलेक्ट्रिक दोपहिया ब्रांड ने उपभोक्ताओं के लिए किफायती वेरिएंट पेश किए हैं। इसका एक उद्देश्य सरकारी सब्सिडी में कटौती से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करना है। गौरतलब है कि कई राज्यों ने ईवी के लिए सब्सिडी पूरी तरह से बंद कर दी है, क्योंकि आवंटित धनराशि समाप्त हो गई है।