बजाज चेतक रेंज का होगा विस्तार, पल्सर इलेक्ट्रिक भी हो सकती है लॉन्च

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बजाज ऑटो आने वाले सालों में अपने इलेक्ट्रिक दोपहिया लाइनअप का विस्तार करने की योजना बना रहा है और पल्सर के ऑल-इलेक्ट्रिक वर्जन पर भी विचार कर रही है

भारत की दिग्गज दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो भारतीय बाजार में अपने ईवी लाइनअप का विस्तार करने की योजना बना रही है, हालाँकि कंपनी की योजना में पेट्रोल से चलने वाले वाले वाहनों पर से ध्यान हटाना नहीं है। इस तरह कंपनी भारतीय बाजार में भविष्य में पेट्रोल और इलेक्ट्रिक दोनों दोपहिया वाहनों को लॉन्च करने की योजना साथ लेकर चल रही है।

हाल ही में बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने कहा है कि घरेलू ईवी बाजार अभी भी प्रारंभिक अवस्था में है और अपेक्षाकृत धीमी गति से बढ़ रहा है और यही कारण है कि आईसीई और ईवी वर्टिकल दोनों पर ध्यान देना आवश्यक होगा। घरेलू निर्माता ने हाल ही में अपने व्यवसाय के ईवी सेगमेंट की देखभाल के लिए एक नया वर्टिकल चेतक टेक्नोलॉजी स्थापित किया है।

इस महीने की शुरुआत में बजाज ने पुणे के अरकुडी में अपने दूसरे ईवी विनिर्माण संयंत्र का भी उद्घाटन किया है और यह अपने ईवी संचालन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की योजना बना रहा है। बजाज ने Yulu के साथ साझेदारी की है और यह बाद वाले को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की आपूर्ति करेगा।

Pulsar 250Fअटकलों के अनुसार Yulu सिटी मोबिलिटी सेक्टर से बाहर और ई-कॉमर्स और खाद्य वितरण क्षेत्रों में विस्तार करना चाहता है। इसके अलावा बजाज भारत में चेतक रेंज का भी विस्तार करेगा और आने वाले वर्षों में तीन या चार नए मॉडल जोड़ने की योजना बना रहा है। कंपनी की योजना में पल्सर का एक इलेक्ट्रिक वर्जन भी विचाराधीन है और यहाँ तक ​​कि केटीएम और Husqvarna भी भारत में अपने आगामी ईवी लॉन्च कर सकते हैं।

बजाज पल्सर का एक इलेक्ट्रिक वर्जन ब्रांड की रेंज में एक शानदार मॉडल हो सकता है, क्योंकि पल्सर नेमप्लेट पहले से ही घरेलू बाजार में बेहद लोकप्रिय है। बजाज ऑटो भी चेतक ईवी के लिए निर्यात बाजारों की ओर देख रहा है और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन वर्तमान में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में बेहद लोकप्रिय हैं, इसलिए यह निर्माता के लिए एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है।

Bajaj-Electric-Scooterदूसरी ओर भारत सरकार लक्ष्य लेकर चल रही है कि साल 2030 तक घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की कुल बिक्री का 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों से होगा, अगर ऐसा होता है तो ऑटो बिक्री का अधिकांश हिस्सा अभी भी ICE वाहनों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। इस प्रकार बजाज को अपना ध्यान ICE दोपहिया वाहनों पर भी रखना होगा।

यही वजह है कि बजाज ने अपने EV और ICE वर्टिकल को अलग-अलग रखने का फैसला किया है, ताकि दोनों पर ठीक से ध्यान केंद्रित किया जा सके। यहाँ यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि सेमीकंडक्टर चिप की कमी वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक प्रमुख मुद्दा रहा है। चूंकि इलेक्ट्रिक वाहन चिप्स पर ज्यादा निर्भर होते हैं, इसलिए इस समय ईवी संचालन का विस्तार करना अधिक कठिन है। ऐसा में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय बाजार के लिए बजाज ऑटो भविष्य में क्या रणनीति अपनाती है।