बजाज ऑटो अपनी रेंज के विस्तार के लिए पल्सर इलेक्ट्रिक को कर सकता है लॉन्च

Pulsar 250F

बजाज ऑटो आने वाले वर्षों में अपने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर लाइनअप का विस्तार करने की योजना बना रहा है और कंपनी पल्सर के ऑल-इलेक्ट्रिक वर्जन पर भी विचार कर रहा है

बजाज ऑटो भारतीय बाजार में अपने इलेक्ट्रिक लाइनअप का विस्तार करने की योजना बना रहा है, लेकिन यह पेट्रोल वाहनों से अपना ध्यान नहीं हटाएगा। इस साल की शुरुआत में एक गोलमेज सम्मेलन में कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने कहा है कि घरेलू ईवी बाजार अभी भी प्रारंभिक अवस्था में है और अपेक्षाकृत धीमी गति से बढ़ रहा है, यही कारण है कि कंपनी दोनों चीज़ों पर ध्यान दे रही है।

घरेलू निर्माता ने अपने व्यवसाय के ईवी पक्ष की देखभाल के लिए एक नया वर्टिकल चेतक टेक्नोलॉजी को स्थापित किया है। बजाज ने पुणे के अरकुडी में अपने दूसरे ईवी मैन्युफैक्चरिंग का भी उद्घाटन किया था और यह अपने ईवी संचालन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की योजना बना रहा है। ऑटोमेकर ने युलु के साथ साझेदारी भी की है और यह इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की आपूर्ति करेगा।

अटकलों के अनुसार युलु शहरी गतिशीलता क्षेत्र से बाहर और ई-कॉमर्स और खाद्य वितरण क्षेत्रों में विस्तार करना चाहता है। इसके अलावा बजाज भारत में चेतक रेंज का भी विस्तार करेगा और आने वाले वर्षों में तीन या चार नए मॉडल जोड़ने की योजना बना रहा है। पल्सर का एक इलेक्ट्रिक संस्करण भी विचाराधीन है और यहाँ तक ​​कि केटीएम भी भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन लॉन्च करा सकता है।

pulsar renderingबजाज पल्सर का इलेक्ट्रिक संस्करण ब्रांड की रेंज में एक शानदार मॉडल हो सकता है और अगर यह लॉन्च होता है तो यह कंपनी की बिक्री में काफी योगदान देगा। पल्सर नेमप्लेट पहले से ही घरेलू बाजार में बेहद लोकप्रिय है। भारत में अभी भी मुख्यधारा के निर्माता ने कोई भी इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल लॉन्च नहीं की है। बजाज ऑटो भी चेतक ईवी के लिए निर्यात बाजारों की ओर देख रहा है। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता वर्तमान में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में बेहद लोकप्रिय हैं।

घरेलू बाजार में भारत सरकार यात्री वाहनों की बिक्री में 30 प्रतिशत ईवी पैठ बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। यदि ऐसा है तो ऑटो बिक्री का अधिकांश हिस्सा अभी भी पेट्रोल वाहनों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। इस प्रकार बजाज को अपना ध्यान ICE दोपहिया वाहनों पर भी रखना होगा, यही वजह है कि उसने अपने EV और ICE वर्टिकल को अलग-अलग रखने का फैसला किया है, ताकि दोनों पर ठीक से ध्यान केंद्रित किया जा सके।

यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि सेमीकंडक्टर चिप की कमी वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक प्रमुख मुद्दा रहा है। चूंकि इलेक्ट्रिक वाहन ऐसे चिप्स पर अधिक निर्भर हैं, इसलिए इस समय ईवी संचालन का विस्तार करना अधिक कठिन है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय बाजार के लिए बजाज ऑटो के पास क्या है।