दमदार इलेक्ट्रिक स्कूटर के बाद अब इलेक्ट्रिक कार और बाइक लाएगा ओला

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ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भाविश अग्रवाल ने और अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल और इलेक्ट्रिक कारों के साथ विस्तार की अपनी योजना की पुष्टि की है

ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में भारतीय बाजार में अपने पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर को लॉन्च किया है, जो कि एस1 और एस1 प्रो के साथ दो वेरिएंट में उपलब्ध है, जिसकी शुरूआती कीमत 99,000 रूपए (एक्स-शोरूम, सब्सिडी शामिल नहीं) है। इस स्कूटर को भारत में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और कंपनी का दावा है कि उसने केवल दो दिनों में 1,100 करोड़ रूपए की बिक्री दर्ज करने में कामयाबी हासिल की है।

हालांकि ओला इलेक्ट्रिक केवल यहीं नहीं रूकना चाहती है, बल्कि वह अपने कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को साथ लेकर चल रही है, जिसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी भी शामिल है। कंपनी ने भारत में इलेक्ट्रिक कार और इलेक्ट्रिक बाइक को भी पेश करने की योजना बनाई है, जिसका संकेत ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भाविश अग्रवाल ने हाल ही में दिया है।

भाविश अग्रवाल ने रेखांकित किया है कि यह हमारे लिए एक अच्छी शुरुआत हो सकती है और उनकी कंपनी इलेक्ट्रिक बाइक और इलेक्ट्रिक कार क्षेत्र में प्रवेश करने पर विचार कर रही है। अग्रवाल ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ब्लॉग पोस्ट साझा किया है, जिसमें उन्होंने ऐसे पर्सनल मोबिलिटी की क्षमता को रेखांकित किया है, जिसे भारत में लागू किया जा सकता है।दरअसल उन्होंने भारतीयों के बीच वाहनों की पहुंच कैसे कम है, इस पर प्रकाश डालते हुए इलेक्ट्रिक बाइक और इलेक्ट्रिक कार क्षेत्र में प्रवेश की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि हम पहले से ही अपने फ्यूचरफैक्ट्री के साथ आगे बढ़ चुके हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी 2W फैक्ट्री है और यहाँ ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर रेंज का निर्माण किया जा रहा है। हम आने वाली तिमाहियों में और भी ज्यादा स्कूटर, बाइक और कारों के साथ अपनी ईवी रेंज का विस्तार करेंगे।

अग्रवाल ने पारंपरिक वाहनों के अप्रचलित होने की ओर भी इशारा किया है क्योंकि यह बनाए रखने के लिए महंगे हैं और पर्यावरण के लिए हानिकारक भी हैं। उन्होंने लिखा कि हमारे ईवी स्मार्ट, कनेक्टेड एआई मशीन हैं और मौजूदा निजी वाहनों से आगे निकल जाएंगे। हम ओला द्वारा डिजाइन किए गए ईवीएस को मल्टी-मोडल मोबिलिटी की साझा गतिशीलता आवश्यकताओं के लिए अनुकूलित करेंगे।अग्रवाल द्वारा बार-बार उल्लेख किया गया है कि सस्ते और बेहतर क्षमता वाले प्रोडक्ट अच्छी क्षमता रखते हैं। हालांकि हमारा मानना है कि अग्रवाल भले ही बड़े-बड़े वादे करें, लेकिन आगे का रास्ता तय करने में बुनियादी ढ़ाचों की कमी और दूर दराज के इलाकों में बिजली की पहुंच जैसी कई मुश्किलें हैं। अगर इन मुश्किलों को पार कर लिया जाता है, तो निश्चित तौर पर भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को गति मिल सकती है।