भारत में 1 अक्टूबर से कारों में अनिवार्य होंगे 6 एयरबैग, जेब पर बढ़ेगा बोझ

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केंद्र सरकार ने भारत में 1 अक्टूबर 2022 से आठ लोगों की यात्री क्षमता वाली कारों में छह एयरबैग अनिवार्य करने के मसौदे को मंजूरी दे दी है

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पुष्टि की है कि भारत में बिकने वाली सभी नई कारों में जल्द ही स्टैंडर्ड के रूप में छह एयरबैग होंगे। जनवरी में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने आठ लोगों की यात्री क्षमता वाली कारों में छह एयरबैग अनिवार्य करने के लिए एक मसौदा अधिसूचना को मंजूरी दी थी। हालिया घोषणा में योजना की समयसीमा का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन मसौदा अधिसूचना में कहा गया है कि नई कारें 1 अक्टूबर, 2022 से अपडेट सुरक्षा मानदंडों का पालन करेंगी।

इसके पहले 14 जनवरी, 2022 की अधिसूचना के मसौदे के अनुसार 1 अक्टूबर, 2022 के बाद निर्मित एम 1 श्रेणी के वाहन (आठ यात्रियों तक बैठने वाले और 3.5 टन से कम वजन वाले वाहन) में दो फ्रंट साइड एयरबैग और दो कर्टेन एयरबैग लगे होंगे।बता दें कि कुछ समय पहले तक ऑटोमोटिव सुरक्षा के लिए भारत के स्टैंडर्ड सबसे अच्छे नहीं थे, लेकिन 1 अप्रैल, 2019 से ही ड्राइवर-साइड एयरबैग सहित कई सुरक्षा सुविधाएँ अनिवार्य हो गई थीं, जबकि 1 जनवरी 2022 से पैसेंजर एयरबैग अनिवार्य है। इसे लेकर सरकार का मानना ​​है कि अतिरिक्त एयरबैग कारों को सुरक्षित बनाएंगे।

हालाँकि अतिरिक्त एयरबैग से कारों की लागत में कम से कम 50,000 रुपए की वृद्धि होने की संभावना है। इसके अलावा जो कारें किसी भी प्रकार में साइड और कर्टेन एयरबैग की पेशकश नहीं करती हैं, उन्हें बॉडी शेल के साथ-साथ इंटीरियर ट्रिम और फिटिंग में बदलाव की आवश्यकता होगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एयरबैग सुरक्षित और प्रभावी ढंग से तैनात हैं।Skoda Kushaq ATयहाँ ध्यान दिया जाना चाहिए कि 2022-2023 तक CAFE और BS6 उत्सर्जन मानदंडों के दूसरे चरण के साथ आने वाले सख्त नियम कारों को और भी महंगा बना देंगे। वर्तमान में कुछ कार निर्माता जैसे रेनो-निसान अपनी किसी भी कार पर छह एयरबैग की पेशकश नहीं करते हैं।

इस बीच, अन्य ब्रांड जो छह एयरबैग की पेशकश करते हैं, केवल उन मॉडलों और वेरिएंट में ऐसा करते हैं जिनकी कीमत 10 लाख रुपये से अधिक है। किआ कैरेंस इस प्राइस रेंज में एक उल्लेखनीय अपवाद है जो सभी वेरिएंट में छह एयरबैग प्रदान करता है। इस प्रकार इस कदम से ऑटो उद्योग को उत्साहित करने की संभावना नहीं है, लेकिन यह दुर्घटना सुरक्षा के लिए संभावित रूप से बड़ा विकास हो सकता है।

इसे लेकर ग्लोबल एनसीएपी के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड ने हमारे दुर्घटना परीक्षण के परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि कैसे एयरबैग घातक और गंभीर चोटों को रोकने में मदद करते हैं और नए नियमों का स्वागत है। इस कदम से ऑटो निर्माताओं को उन उच्च वैश्विक एनसीएपी रेटिंग हासिल करने में मदद मिल सकती है, जहाँ साइड-इफेक्ट परीक्षण संगठन के #SaferCarsForIndia प्रोजेक्ट में शामिल किए जाने वाले हैं।